जब उत्तर प्रदेश बना उत्तम प्रदेश
बसपा को समर्थन ना करके बौद्ध अनुयायी अपने धम्म को सीमित रखना चाह्ते है या रात के अंधेरे में मनुवादी पार्टियों के लिए काम करते है ???? जो लोग अपने आप को तथागत बुद्ध के अनुयायी मानते है ये लोगों को बहन मायावती के शासन काल में बने बुद्ध स्मारकों को याद करना चाहिये। बहनजी के शासन काल में उत्तर प्रदेश के बुद्धिस्ट सरकिट वाली बुक को अवश्य पढ़ना चाहिए। आज़ादी के इतने सालों के बाद बौद्ध धम्म को पहलीबार किसी राज्य सरकार ने महत्व दिया है तो वो बहनजी की सरकार ने कर के दिखाया है। उतना ही नहीं, मौर्य शासनकाल के बाद बौद्ध स्मारकों का सृजन अगर किसी समय में हुआ है तो बहनजी की सरकार में हुआ है। वो चाहे इंटर नेशनल बौद्ध सरकिट F1 रेस हो, या गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी हो, या तथागत बुद्ध की माता महामाया के नाम से या खुद गौतम बुद्ध के नामक जिले का सर्जन हो ऐसे अनेकों काम है जो बहनजी की सरकार में हुआ है। किसी भी धर्म को फूलने फ़ालने के लिए राज्याश्रय मिलना अति जरूरी है। भारत में राज्याश्रय के अभाव में बौद्ध धम्म को भारी हानि पहुँची है ये तो सभी बौद्ध अनुयायियों को स्वीकार करना ही पड़ेगा। फिर भी अगर आप लोग कांग्रेस क...
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