नैनी जेल घटना
*सरवर_हुसैन_के_मुताबिक* "मायावती जी के जेल जाने की कहानी शायद ही किसी को पता हो, लेकिन दिसंबर 1991 में वह नैनी सेंट्रल जेल में बंद हो चुकी हैं।"
''मामला बुलंदशहर का था। वहां बहन कु० मायावती जी और एक डीएम के बीच मतपत्र देखने के लिए छीना-झपटी और हाथापाई हो गई थी। इस मामले में बहन मायावती जी को बुलंदशहर से इलाहाबाद के नैनी सेंट्रल जेल लाया गया था।''👈
*एक_दारोगा_करना_चाहता_था_बहन_कु०_मायावती_जी_का_एनकाउंटर_लेकिन_आर्मी_वालों_ने_उन्हें_बचाया*
''जेल जाने के दौरान लखनऊ हाईकोर्ट में दिसंबर 1991 में बहन मायावती जी की पेशी हुई थी। लौटते वक्त हम लोग लखनऊ पैसेंजर से इलाहाबाद आ रहे थे। रास्ते में सुबह 4.30 बजे ट्रेन प्रयाग स्टेशन के पास खड़ी हो गई। साथ में चल रहे स्कॉट के दारोगा ने नीचे उतरकर पैदल चलने को कहा।''👈
''रेलवे लाइन क्रॉस करते समय दारोगा ने बहन मायावती जी की हत्या करने के इरादे से अपनी रिवॉल्वर निकाल ली। इसके बाद मायावती जी ने मुझसे कहा-सामने मस्जिद है, लोग इकट्ठा हैं। आवाज लगा दो वरना ये हमें मार डालेगा।''👈
''ट्रेन के उसी कोच में सफर कर रहे आर्मी वालों ने दारोगा को खबरदार करते हुए कहा-गोली मत चलाना। (मायावती जी ने इस बात का जिक्र सरवर को लिखे खत में भी किया है)।''👈
''आर्मी वालों के कहने पर दारोगा डर गया। इसके बाद मायावती जी को रिक्शे पर बिठाकर पुलिसलाइन ले जाया गया। वहां मायावती जी ने दारोगा के खिलाफ शिकायत की। वे वहां से नैनी जेल आ गईं और यहां भी दारोगा के खिलाफ 18 दिसंबर 1991 को जेल सुपरिटेंडेंट को लिखित शिकायत दी थी।'
SAGAR GAUTAM NIDAR
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