सिंधु घाटी सभ्यता का इतिहास

भारत की सबसे प्राचीनतम सभ्यता सिंधु घाटी सभ्यता है, जो मूलतः बौद्ध सभ्यता थी. आपको हमको सबको उल्टा इतिहास पढ़ाया जा रही है.

बुद्ध ने वैदिक सभ्यता का विरोध किया - ये उल्टा इतिहास है. बौद्ध धर्म ने सनातन संस्कृति का विरोध किया - ये उल्टा इतिहास है. बौद्ध सभ्यता से पहले वैदिक सभ्यता थी - ये भी उल्टा इतिहास है.

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फिर सीधा इतिहास क्या है. इतिहास की सही क्रोनोलॉजी क्या है ?

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जातीय अहंकार त्यागकर ध्यानपूर्वक पोस्ट को पढ़ो. एक दम ध्यान से, आराम से, कोई जल्दबाजी नही. 

इतिहास में कुल मिलाकर 28 बुद्ध हुए. 28 बुद्धों में चौथे दीपंकर बुद्ध थे और अट्ठाईसवें गोतम बुद्ध थे.

600 BC सदी में गोतम बुद्ध हुए. और दीपंकर बुद्ध का जन्म सिंधु घाटी सभ्यता के समय हुआ. 28 बुद्धों में से दो बुद्धों का बोधिवृक्ष पीपल है - एक दीपंकर बुद्ध का और दूसरे गोतम बुद्ध का.

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सिंधु घाटी सभ्यता का दौर :

सिंधु घाटी सभ्यता की बुद्धिस्ट फिलॉसफी में बलि - प्रथा प्रचलित थी. देवता के समक्ष बलि दिए जाने का दृश्यांकन सीलों पर मिलता है.

सिंधु घाटी सभ्यता की बुद्धिस्ट फिलॉसफी में अंधविश्वास लिए ताबीज पहनने का रिवाज था. सिंधु घाटी सभ्यता में धर्म पुजारी के दाएं हाथ में ताबीज है.

सिंधु घाटी सभ्यता में पुनर्जन्म पर विश्वास करने की प्रथा थी. इसलिए मृतात्मा को दाना पानी देने के लिए सर्कुलर स्तूपों के बीच में छेद है.

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गोतम बुद्ध ने तमाम पूर्व की बुद्धिस्ट फिलॉसफी के पाखंडों पर अपना प्रतिवाद जताया. बुद्ध ने बुद्धिस्ट फिलॉसफी में प्रचलित बलि प्रथा - अंधविश्वास और पाखंड का विरोध किया.

बुद्ध के समय जाति वर्ण अव्यवस्था नही थी. ना बुद्ध के समय या उससे पहले कभी कोई वैदिक सभ्यता थी.

फिर बुद्ध ने कैसे किसी वैदिक कर्मकांड का विरोध किया ?

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दरअसल ईसा बाद वैदिक साहित्य ने बुद्ध के फिलॉसफी का विरोध किया. 

इसलिए कहा जाता है तथागत गोतम बुद्ध ने बौद्ध धम्म का पवत्तन किया था, ना कि बुद्ध धम्म की स्थापना की थी. सारनाथ में बुद्ध ने धम्म चक्र का पवत्तन किया.

का हुआ चक्कर आ रहा है. शांत शांत... लंबी सांस लो... एक ग्लास पानी पी लो. एक बार फिर से पोस्ट पढ़ो. ना समझे तो तिबारा पढ़ो.

फिर भी नही समझ आए तो चुल्लू भर पानी में डूब मरो.

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(Source of History)
Book : इतिहास में घूमता हुआ धम्म चक्र
Writer : डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह
Publication : सम्यक प्रकाशन
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