श्रवण कुमार का सच
श्रवण कुमार अंधे माता पिता की सेवा करने वाले हिंदू नहीं बल्कि बौद्ध थे। पोस्ट अंतिम तक ध्यान से पढ़े।
सवाल है कि अगर भारतीय, समन बौद्ध थे तो हिंदू अचानक से कैसे बन गये?
जवाब जानने के लिए अंतिम तक पढ़े फिर कन्फ़्यूशन नहीं रहेगा।
बौद्ध जातक कथाये जिनके पुरातत्व सबूत अवैलबल है उन्हें मुस्लिम शासन और अंग्रेजों के काल में ब्राह्मणीकरण कर दिया गया फिर आज़ादी के बाद टीवी सीरियल के माध्यम से भोले भाले भारतीयो के दिमाग़ में फिट कर दिया गया।
जब सभी बौद्ध थे तब भी इन कहानियो से परिचित थे जब हिंदू कहा गया तब भी कहानियो के मूल नायक नायिका से परिचित रहे नतीजा हम बदलाव महसूस न कर पाये।
एक उदाहरण से समझे।
629 AD में नालंदा विश्वविद्यालय के मेधावी छात्र ने अपने गांधार (वर्तमान पाकिस्तान का हिस्सा) की यात्रा के दौरान साम बोधिसत्व का स्तूप बना हुआ अपनी आखों से देखा और उनकी कथा का वर्णन भी अपने नोट्स में लिखा। यही नहीं फह्यान ने भी 399 AD में भारत यात्रा के दौरान साम बोधिसत्व के स्तूप का वर्णन किया।
यानी 7 वी सदी तक साम बोधिसत्व थे जो अपने अंधे माता पिता की सेवा करने और वाराणसी नरेश के द्वारा विषभरा तीर लगने से नदी किनारे मृतप्रायः हो गये थे जो फिर औषधी से ठीक हो उठे और वाराणसी राजा को बुद्ध धम्म के 10 नियमों का उपदेश भी दिये।
ईसा से 200 साल पूर्व साँची के स्तूप पर भी साम जातक कथा को उकेरा गया था जिसका पुरातत्व सबूत भी मिल चुका है।
यानी पुरातत्व और नालंदा यूनिवर्सिटी के कई मेधावी छात्रो के नोट्स पुख़्ता प्रमाण देते है कि साम बोधिसत्व बुद्ध धम्म के ही थे।
भारत में जब अंग्रेज आये और प्रिंटिंग मशीन से रामायण छापने की जब बात आयी तब साम जातक कथा का यह हिस्सा वाराणसी नरेश की बजाय काल्पनिक अयोध्या के काल्पनिक दशरथ के साथ थोड़ी बहुत जोड़ तोड़ मॉडिफिकेशन के साथ बोधिसत्व साम को भक्त साम बना दिया गया।
फिर टीवी सीरियल के माध्यम से सभी लोगो ने इसे देखा और सब इसे हिंदू कथा समझ बैठे।
बस यही से बौद्ध भारतीय ख़ुद को हिंदू समझने लगे।
दरअसल सिर्फ़ दूसरे के कहने से हम सभी हिंदू नहीं बने बल्कि आध्यात्मिक रूप से बौद्ध कथाओं के ब्राह्मणीकरण से यह हुआ है। इसलिए आमजनमानस अभी भी ये फील नहीं कर पाता कि हरेक देवी देवता जो आज वो हिंदू बनकर पूज रहा है उसके पुरातत्व सबूत बौद्ध में ही क्यों मिलते है?
रिफरेन्स के कुछ हिस्से संलग्न है आप ख़ुद पढ़ लेवे।
1. Hunsung की भारत यात्रा
2. साम जातक कथा by मधुर पिपलायन
3. समझने हेतु संदर्भित चित्र
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