सीलोन या श्री लंका
1972 में सीलोन गणतंत्र हुआ और नया नाम लंका रखा और 1978 मे श्री जोड़ा गया।. सीलोन (Ceylon) को श्रीलंका बनाने के लिए' भारत ने 12000 करोड़ की मदद की, उससे पहले इसे सिंहल कहा जाता था। यही नाम प्राचीन हुआ करता था। जो आज भी इसके ध्वज मे बनें सिंह से परिलक्षित होता है। ।
इसका एक नाम तांबापानी व अनुराधापुर भी बताया जाता है।
हिंदुस्तान को भारत, थानेसर को कुरु-क्षेत्र, गुडगाँव को गुरुग्राम बनाना इसी कडी के हिस्से हैं।
भारत ने नाम बदलवाने में पैसा क्यों लगाया... यही पोस्ट का मूल है।
किंतु 1976 से अलग तमिल राज्य की मांग ने इसका अस्तित्व हिला दिया,
आखिर सीलोन को लंका कहलवा कर भारत की ब्राह्मणवादी सत्ता ने सीलोन मे तमिल उपद्रव के नाम पर वर्चस्व कायम करने के प्रयास किये।
इसका अर्थ यह हुआ कि शिक्षित हो रहे भारत को रामायण रूपी धार्मिक अफीम का नशा कराना था। और रामायण को भौगौलिक रूप से एक मूल भारतीय कहानी/घटना दिखानेका सबूत बनाना था, इसलिए साकेत को अयोध्या बनाना पड़ा और दिल्ली को हस्ति-ना-पुर बनाने की जुगाड बिठा रहे हैं।
पर हमारे धर्मांध लोग यूनेस्को से जाकर नही लड़ते और प्रश्न करते हैं कि थाईलैंड की अयोध्या और राम को क्यों विश्व विरासत की सूची मे डाल रखा है।
वहां जाकर बेइज्जत ही होगें क्योकि पुरातात्विक प्रमाण तो वहीं पर मौजूद हैं, यहां तो बस नारे, अफवाहें और हिन्दू-मुस्लिम करने पर जोर दिया जाता है।
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