दुर्गा और गणपति
केवल २६४ साल पुरानी परम्परा से ये पता चलता है की दुर्गा नाम की देवी का २६४ साल पहले किसी को अता पता नही था ठीक वैसे जैसे गणपति का। गणपति तो दुर्गा के १२९ साल बाद प्रचलन में आया और उसको जन्म देनेवाला दूसरा कोई नही बल्कि फिर एक ब्राह्मण था, कौन? ..बाल गंगाधर तिलक।१८९३। क्यो….. क्यो की छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती से लोगों का ध्यान किसी और काल्पनिक देवता में आकर्षक कर शिवाजी महाराज का महत्व कम कर सके। ज्योतीराव फुले ने शिवाजी महाराज की समाधि खोज निकाली थी और उनके चलते मराठाओं को उनका अपना इतिहास पता चला था जो ब्राह्मणो ने मिटा डाला था। तब से शिवाजी महाराज की जयंती भारी मात्रा मे जोश उल्हास से मनाई जाती थी। उस क्रांति की प्रतिक्रांति थी ब्राह्मणो की चाल ……. गणपति उत्सव। १८९३ के पहले किसी को गणपति की कोई कल्पना नही थी। तातपर्य: सारे काल्पनिक देवी देवता का उदगम आधुनिक समय में ही हुआ है। उनका कोई पुरातात्विक साक्ष्य या सबूत नही मिलते। ये सब ब्राह्मणो की चाल रही है लोगों को गुमराह करने की और उन्हें ऐसे विश्वास में डुबोने की जिसका कोई प्रमाण नही कोई अस्तित्व नही।
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