थॉमस अल्वा एडीसन


📖 *इतिहास के पन्नों से:11 फरवरी*✍️

*थॉमस ऐल्वा एडीसन जन्मदिन :11 फरवरी (11.2.1847* -18.10.1939)🎂🌹🌹

*महान आविष्कारक एवं व्यवसायी...*

एडिसन ने फोनोग्राफ एवं विद्युत बल्ब सहित अनेकों युक्तियाँ विकसित कीं जिनसे संसार भर में लोगों के जीवन में भारी बदलाव आये। "मेन्लो पार्क के जादूगर" के नाम से प्रख्यात, भारी मात्रा में उत्पादन के सिद्धान्त एवं विशाल टीम को लगाकर अन्वेषण-कार्य को आजमाने वाले वे पहले अनुसंधानकर्ता थे। इसलिये एडिसन को ही प्रथम औद्योगिक प्रयोगशाला स्थापित करने का श्रेय दिया जाता है। अमेरिका में अकेले १०९३ पेटेन्ट कराने वाले एडिसन विश्व के सबसे महान आविष्कारकों में गिने जाते हैं।

*आरम्भिक जीवन...*

मिलान नगर, ओहायो राज्य, संयुक्त राज्य अमेरिका में जन्मे एडिसन ने बचपन से ही कुशाग्रता, जिज्ञासु वृत्ति और अध्यवसाय का परिचय दिया। छह वर्ष तक माता ने घर पर ही पढ़ाया, सार्वजनिक विद्यालय में इनकी शिक्षा केवल तीन मास हुई। तो भी एडिसन ने ह्यूम, सीअर, बर्टन, तथा गिबन के महान ग्रंथों एवं डिक्शनरी ऑव साइंसेज़ का अध्ययन 10वें जन्मदिन तक पूर्ण कर लिया था।

एडिसन 12 वर्ष की आयु में फलों और समाचारपत्रों के विक्रय का धंधा करके परिवार को प्रति दिन एक डालर की सहायता देने लगे। वे रेल में पत्र छापते और वैज्ञानिक प्रयोग करते। तार प्रेषण में निपुणता प्राप्त कर 20 वर्ष की आयु तक, एडिसन ने तार कर्मचारी के रूप में नौकरी की। जीविकोपार्जन से बचे समय को एडिसन प्रयोग और परीक्षण में लगाते थे।

*अनुसंधानों का आरम्भ..*

1869 में एडिसन ने अपने सर्वप्रथम आविष्कार "विद्युत मतदानगणक" को पेटेंट कराया। नौकरी छोड़कर प्रयोगशाला में आविष्कार करने का निश्चय कर निर्धन एडिसन ने अदम्य आत्मविश्वास का परिचय दिया। 1870-76 ई. के बीच एडिसन ने अनेक आविष्कार किए। एक ही तार पर चार, छह, संदेश अलग अलग भेजने की विधि खोजी, स्टॉक एक्सचेंज के लिए तार छापने की स्वचालित मशीन को सुधारा, तथा बेल टेलीफोन यंत्र का विकास किया। उन्होंने 1875 ई. में "सायंटिफ़िक अमेरिकन" में "ईथरीय बल" पर खोजपूर्ण लेख प्रकाशित किया; 1878 ई. में फोनोग्राफ मशीन पेटेंट कराई जिसकी 2010 ई. में अनेक सुधारों के बाद वर्तमान रूप मिला।

21 अक्टूबर 1879 ई. को एडिसन ने 40 घंटे से अधिक समय तक बिजली से जलनेवाला निर्वात बल्ब विश्व को भेंट किया। 1883 ई. में "एडिसन प्रभाव" की खोज की, जो कालांतर में वर्तमान रेडियो वाल्व का जन्मदाता सिद्ध हुआ। अगले दस वर्षो में एडिसन ने प्रकाश, उष्मा और शक्ति के लिए विद्युत के उत्पादन और त्रितारी वितरण प्रणाली के साधनों और विधियों पर प्रयोग किए; भूमि के नीचे केबुल के लिए विद्युत के तार को रबड़ और कपड़े में लपेटने की पद्धति ढूँढी; डायनेमो और मोटर में सुधार किए; यात्रियों और माल ढोने के लिए विद्युत रेलगाड़ी तथा चलते जहाज से संदेश भेजने और प्राप्त करने की विधि का आविष्कार किया। एडिसन ने क्षार संचायक बैटरी भी तैयार की; लौह अयस्क को चुंबकीय विधि से गहन करने का प्रयोग किए, 1891 ई. में चलचित्र कैमरा पेटेंट कराया एवं इन चित्रों को प्रदर्शित करने के लिए किनैटोस्कोप का आविष्कार किया।

प्रथम विश्वयुद्ध में एडिसन ने जलसेना सलाहकार बोर्ड का अध्यक्ष बनकर 40 युद्धोपयोगी आविष्कार किए। पनामा पैसिफ़िक प्रदर्शनी ने 21 अक्टूबर 1915 ई. को एडिसन दिवस का आयोजन करके विश्वकल्याण के लिए सबसे अधिक अविष्कारों के इस उपजाता को संमानित किया। 1927 ई. में एडिसन नैशनल ऐकैडमी ऑव साइंसेज़ के सदस्य निर्वाचित हुए। 21 अक्टूबर 1929 को राष्ट्रपति दूसरे ने अपने विशिष्ट अतिथि के रूप में एडिसन का अभिवादन किया।

*अन्तिम समय....*

मेनलोपार्क और वेस्ट ऑरेंज के कारखानों में एडिसन ने 50 वर्ष के अथक परिश्रम से 1,093 आविष्कारों को पेटेंट कराया। अनवरत कर्णशूल से पीड़ित रहने पर भी अल्प मनोरंजन, निरंतर परिश्रम, असीम धैर्य, आश्चर्यजनक स्मरण शक्ति और अनुपम कल्पना शक्ति द्वारा एडिसन ने इतनी सफलता पाई। 18.10.1939 को महान उपकारक विभूति एडिशन का वेस्ट ऑरेंज न्यू जर्सी, संयुक्त राज्य अमेरिका में देहांत हो गया।

*आओ!*
हम भी इस महान वैज्ञानिक से प्रेरणा लेकर अपने जीवन में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को अपनाएं और विज्ञान को समाज हित में ही प्रयोग करें।

*प्रसंगवश : वैज्ञानिक दृष्टिकोण*

भारतीय संविधान 51a(h) में नागरिकों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण रखने को कहा गया है।

*[51क(ज) मूल कर्तव्य--भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह--*
*वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें;]*

*"प्रतिभाशाली व्यक्ति एक प्रतिशत प्रेरणा और निन्यानवे प्रतिशत पसीने से बनता है।"*
– थॉमस अल्वा एडीसन, हार्पर पत्रिका (सितंबर 1932 संस्करण)

प्रस्तुति : *Sagar Gautam Nidar*
संदर्भ : 
विकिपीडिया & भारतीय संविधान

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