मूर्खो की क्या पहिचान
मूर्खों की क्या पहचान???
👉 माथे पर टीका मूर्खता की पहचान है जितना बड़ा टीका उतना ही बड़ा मूर्ख होगा।
👉 हाथ में बंधा धागा ब्राह्मणों की मानसिक गुलामी और मूर्खता की पहचान है।
👉 पूजा पाठ हवन पाखंड व्रत करने वाले मूर्ख होते हैं जितना बड़ा पुजारी उतना ही बड़ा मूर्ख होगा।
👉 कांवड़ ढोने वाले महामूर्ख हैं।
👉 त्योहारों को मनाने वाले मूर्ख होते हैं क्योंकि त्योहार हार का प्रतीक है त्यो +हार =तुम्हारी हार या पराजय
तुम्हारे ही महापुरुषों की हत्या करके जश्न मनाया गया था उसे उसे ही त्योहार कहा जाता है हर त्योहारों में किसी न किसी म।महापुरुषों या वीरांगना महिलाओं की हत्या करके जश्न मनाया गया है ।
👉 धार्मिक होना मूर्खता की पहचान है।
👉 खुद को धर्म के नाम पर ब्राह्मणों की मानसिक गुलामी करना ही मूर्खता की पहचान है।
👉हिन्दू धर्म लिखना और खुद को हिन्दू बोलना ही मूर्खता की पहचान है।
सबसे पहले इंसान बनो 👨🎓 और सही सामाजिक ज्ञान के लिए तथागत गौतमबुद्ध और सिंबल आफ नालेज बाबा साहब डॉ आंबेडकर के विचारों को अपना कर चलो बुद्ध धम्म अपनाओ 💐
सर्वश्रेषट इंसान बनो 👨🎓
✍ Sagar Gautam Nidar From Etawah Up
Email - sagargautamraaj763@gmail.com
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