जो कहते हैं बहिन जी ने क्या किया उनके लिए खास जानकारी ✍
बहुजन युवाओं की जानकारी हेतु ~
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#सिंह_साहब_के_विद्यालय_से(154)
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आज मिशन-मूवमेंट के लिए संजीदा बहुजन युवाओं को जानकारी, लेख चित्रों द्वारा #मान्यवर_कांशीराम_साहब के बाल मित्र श्री बलवंत सिंह आजाद द्वारा साहब के जीवन के बारे तमाम अनुछुए पहलुओं की। आभार सहित समस्त #बहुजन_नायक टीम, जिसने #बहुजन_समाज_दिवस के मौके, यानी कि 15 मार्च 1999 को #साहब के 65वें जन्मदिन के अवसर पर इस विशेषांक को प्रकाशित किया था।
अब कुछ बात #मान्यवर_कांशीराम_साहब के 65वें जन्मदिन की भी, जहाँ नागपुर (महाराष्ट्र) के साथियों ने तब यह #बहुजन_नायक विशेषांक निकलने का निश्चय किया था। वहीं मध्यप्रदेश के साथियों ने #साहब को 65वें जन्मदिवस के मौके पर 65 लाख रुपये की थैली भेंट करने की योजना बनाई थी। लेकिन बड़े खेद के साथ बताना पड़ रहा है कि वह 65 लाख रुपये एकत्रित करने में सफल नहीं हो सके थे। यह सब देखकर साहब को मध्यप्रदेश बहुजन समाज पार्टी यूनिट की तरफ से बड़ी निराशा भी हुई थी। साहब की इस निराशा को देखकर #बहनजी ने साहब को आश्वस्त किया था कि आप निराश न हों जो काम मध्यप्रदेश बहुजन समाज पार्टी यूनिट नहीं कर सकी वह काम एक महीने के अंदर ही बाबासाहेब की जन्मजयंती 14 अप्रैल 1999 के मौके पर मैं उत्तरप्रदेश की बहुजन समाज पार्टी यूनिट से करके दिखाऊँगी।
लोग कहते हैं कि #बहनजी ने क्या किया? वह जान लें कि बहनजी ने इस अल्प समय में ही न सिर्फ साहब की उम्र 65 वर्ष बल्कि उसमें तब अपनी उम्र 43 वर्ष और जोड़कर कुल 108 लाख रुपये से भी 2 लाख और बढ़ाकर 1 करोड़ 10 लाख रुपये अकेले बहुजन समाज पार्टी, उत्तरप्रदेश यूनिट की ओर से मिशन-मूवमेंट को बढ़ाने के लिए साहब को भेंट किए थे। यही वह मौका था, तब साहब ने बहनजी पर लिखी गई, लेखक श्री मोहम्मद जमील अख़्तर जी की किताब #आयरन_लेडी_कुमारी_मायावती का विमोचन भी किया था और मंच से कहा भी था कि बाबासाहेब भी 65 साल की उम्र में हमारे बीच से चले गए थे और लगभग इसी उम्र में मेरे पिताजी भी नहीं रहे थे। अब मेरी उम्र भी 65 साल हो चुकी है और मैं भी कोई सदा नहीं रहने वाला हूँ, एक न एक दिन मुझे भी जाना ही है। लेकिन इतने कम समय में मायावती जी द्वारा मेरे जन्मदिन 65 साल ही नहीं बल्कि उसमें अपने उम्र के 43 साल के योग को भी जोड़कर कुल योग 108 से भी 2 लाख रुपए बढ़ाकर 110 लाख रुपये अकेले उत्तरप्रदेश से इक्कट्ठे करना वाक़ई काबिलेतारीफ है और मुझे पूरा विश्वास है कि मेरे बाद भी मायावती जी के कुशल नेतृत्व में ये मिशन-मूवमेंट लगातार इसी तरह आगे बढ़ती रहेगी।
यहाँ आपको यह भी बताता चलूँ कि जहाँ यह प्रोग्राम आयोजित हुआ था [तब कॉन्स्टिट्यूशन क्लब, नई दिल्ली के प्रांगण में यह प्रोग्राम आयोजित किया गया था] । ठीक उसी स्थान पर इससे 15 साल पहले 14 अप्रैल1984 #बहुजन_समाज_पार्टी की स्थापना भी की गई थी और तब #साहब को मावलंकर हाल उपलब्ध नहीं कराया गया था, इस कारण साहब को मजबूरन कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के खुले प्रांगण बहुजन समाज पार्टी का गठन करना पड़ा था। लेकिन आज बहुजन समाज पार्टी का कारवां इतना बढ़ चुका था कि कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के सभी सभागार छोटे पड़ जाते, इस कारण यह प्रोग्राम खुले प्रांगण में करना पड़ा था।
इस प्रोग्राम में श्री सुब्रमण्यम स्वामी जी भी बहैसियत मेहमान पधारे थे और तब उन्होंने अपने संबोधन में एक महत्वपूर्ण घोषणा भी की थी। जो बहनजी की कार्यप्रणाली से परिचित नहीं है, उम्मीद है वह श्री सुब्रमण्यम स्वामी जी की 14 अप्रैल 1999 की घोषणा पर गौर फरमाएंगें..उन्होंने कहा था कि आज आप नोट कर लें कि #मायावती_एक_दिन_इस_देश_की_प्रधानमंत्री_बनेंगी।
आज की बात बस यहीं तक, एक बार पुनः आपसे निवेदन है कि साहब के बाल मित्र श्री बलवंत सिंह आजाद का साक्षात्कार जरूर ही पढ़िएगा, मिलते हैं अगले एपिसोड में, तब तक के लिए…
जानकारी सिंह साहब के संगृहालय के तथ्यों पर आधारित है
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