अखिलेश यादव क्या सच मै किसी के हितैसी हैं

भाई जी जय भीम फेसबुक पर समाजवादी के अंगेस्ट आर्टिकल है देता हूँ आप उसे पोस्ट कीजिये 🙏
_*शिकारी आएगा जाल बिछाएगा दाना डालेगा लोभ से उसमें फँसना नहीं लेकिन                                              बेचारा  (🦜) फिर भी जाल में फस ही जाते हैं-*_
                                                                                        ♾️♾️♾️♾️♾️♾️♾️♾️
                                                                                       _*11 घटनाएं जो साबित करती हैं कि-                                                                                श्रीमान अखिलेश यादव जी दोबारा मुख्यमंत्री बनने के लायक़ नही....!*_

_*श्रीमान मुलायम सिंह यादव जी को अध्यक्ष पद से हटाकर श्रीमान अखिलेश यादव जी खुद सपा (SP) के अध्यक्ष बन गये थे जनता में बड़ा सकारात्मक माहौल बना है पर ये लग रहा है कि-                                                                                      श्रीमान अखिलेश यादव जी हर तरह के दोष से मुक्त हैं लेकिन दोस्तो सारी गलती सपा की है और सपा के पुराने नेताओं की है श्रीमान अखिलेश यादव जी की सरकार तो एकदम काम करने के मोड में थी गत पिछले छह महीनों में श्रीमान अखिलेश यादव जी ने यही छवि  बनाने की कोशिश की है और वह यह छवि बनाने में सफल भी रहे हैं जून 2016 से जवाब मुख्तार अंसारी जी की पार्टी के सपा में विलय को लेकर श्रीमान शिवपाल सिंह यादव जी के खिलाफ निशाना साधा श्रीमान अखिलेश यादव जी की तो तुरंत इमेज बन गई कि अखिलेश गुंडई के खिलाफ लड़ रहे हैं*_

_*पर उनके 5 साल के कार्यकाल (2012-2017) में अगर श्रीमान अखिलेश यादव जी की सरकार के काम-काज पर ध्यान दें और उनकी नाकामियों को देखें तो कई चीजें ऐसी निकलेंगी जिससे पता चलेगा कि-                                                                           श्रीमान अखिलेश यादव जी दोबारा मुख्यमंत्री बनने लायक नहीं है आइए देखते हैं श्रीमान अखिलेश यादव जी की सरकार की नाकामियां-*_

_*1.मुजफ्फरनगर दंगे जिन्हें अखिलेश यादव जी रोक नहीं पाए---*_

_*मुजफ्फरनगर दंगों में 62 लोग मारे गये जिस वक्त हजारों लोग विस्थापित होकर टेंट में रह रहे थे मार्च 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरनगर दंगों के लिए श्रीमान अखिलेश यादव जी की सरकार पर जमकर बरसते हुए कहा था कि दंगों के लिए सिर्फ और सिर्फ श्रीमान अखिलेश यादव जी की सपा सरकार ही जिम्‍मेदार है*_
_*इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि मुजफ्फरनगर में हुए दंगों के लिए पहली नजर में तत्कालीन यूपी सरकार ही जिम्‍मेदार है कोर्ट ने यूपी की श्रीमान अखिलेश यादव जी की सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि वो दंगों के रोकने में पूरी तरह से नाकाम रही है*_
_*सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश पी. सतशिवम की अध्यक्षता वाली पीठ ने कड़े शब्दों में कहा था कि-                                                                                     यदि केंद्र और राज्य की खुफिया एजेंसियों ने समय रहते इस बारे में पता लगा लिया होता तो दंगों को रोका जा सकता था दंगों की जांच सीबीआई या एसआईटी से कराने की याचिका खारिज करते हुए न्यायालय ने हालात से निपटने के लिए राज्य पुलिस की ओर से उठाए गए कदमों पर भी नाराजगी जताई थी*_
_*लेकिन श्रीमान अखिलेश यादव जी सैफई में फिल्मी कलाकारों का डांस देख कर मंत्रमुग्ध हो रहे थे जब नाराज जनता की आवाज उठी तो बुलडोजर से सारे टेंट गिरा दिये गये थे कि उनकी छवि खराब हो रही है श्रीमान अखिलेश यादव जी की सरकार में दंगे बस इतने ही नहीं थे पहली साल  2012 में श्रीमान अखिलेश यादव जी की सरकार आते ही यूपी में कुल 227 दंगे हुए दूसरी साल 2013 में 247 दंगे हुए तीसरी साल 2014 में 242 दंगे हुए चौथी साल 2015 में 219 दंगे हुए पांचवी साल 2016 में भी 100 के ऊपर दंगे हो चुके थे  दंगों के मामले में श्रीमान अखिलेश यादव जी की कृपा से यूपी देश में एक नंबर पर पहुंच चुका था अगर सारे दंगे जोड़ दिये जायें तो डाटा कुछ और ही होगा ये दंगे सिर्फ धार्मिक नहीं हैं जमीन को लेकर थे जाति को लेकर थे छात्रों के भी दंगे आदि सब शामिल हैं इनमें दंगे का नाम आते ही हिंदू-मुस्लिम जेहन में आते हैं पर यूपी में  समाजवादियों द्वारा की गई हिंसा हर स्तर पर थी........*_

_*2. मथुरा का श्रीमान रामवृक्ष यादव जी कांड जो श्रीमान अखिलेश यादव जी को बबुआ बनाया गया---*_

_*280 एकड़ सरकारी जमीन पर अतिक्रमण हटाने गई पुलिस टीम पर हमला हो गया था एसपी और एसएचओ मारे गये 23 पुलिसवाले अस्पताल में भर्ती हुए जवाहर पार्क में श्रीमान रामवृक्ष यादव जी ने कब्जा जमा रखा था पूरी सेना बना रखी थी पुलिस के साथ लड़ाई चली कुल 24 लोग मारे गये थे चारों ओर से खुसुर-फुसुर होने लगी कि श्रीमान रामवृक्ष यादव जी को सपा नेताओं का आशीर्वाद प्राप्त था क्योंकि बिना उसके इतनी बड़ी घटना नहीं हो सकती सवाल ये है कि सरकार क्या कर रही थी इतने दिन तक किसने उसे साथ दिया था क्या सरकार अनजान थी तब तो ये और ज्यादा खतरनाक हो जाएगा क्या श्रीमान अखिलेश यादव जी को इसके बारे में पता नहीं था........?*_

_*3. दादरी कांड जिसकी जिम्मेदारी श्रीमान अखिलेश यादव जी ने नहीं ली---*_

_*जब धर्मांध लोगों ने अखलाक को घर से खींचकर मार डाला तो श्रीमान अखिलेश यादव जी की सरकार ने ऐसी प्रतिक्रिया की जैसे सरकार कहीं से भी इस मामले से जुड़ी नहीं है श्रीमान अखिलेश यादव जी ऐसा नहीं होता है ऐसी घटनाएं अल्प अवधि सूचना पर नहीं होती प्लानिंग होती है सरकार के रवैये को भांपकर अंजाम दिया जाता है क्या श्रीमान अखिलेश यादव जी की सरकार वोट के चक्कर में धर्मांध लोगों को शह दे रही थी हर बार सपा के लोग सांप्रदायिक ताकतों से लड़ने की बात करते हैं पर सवाल ये है कि कौन सांप्रदायिक है क्या श्रीमान अखिलेश यादव जी की सरकार सांप्रदायिक नहीं है क्या सांप्रदायिक ना होने का मतलब ये होता है कि किसी भी संप्रदाय को नहीं बचाना है*_

_*अगर श्रीमान अखिलेश यादव जी ये कहें कि ये सांप्रदायिक ताकतों के चलते हुआ हमारा कोई दोष नहीं है तो कुछ और चीजें भी हैं........*_

_*4. बदायूं रेप कांड के बाद हुआ बुलंदशहर रेप मुख्यमंत्री क्या सोच रहे थे जनता हमें शाबाशी देगी---*_
                                                                                       _*पेड़ पर लटकाई गई थीं लाशें दो नाबालिक लड़कियों का रेप और मर्डर हुआ था वो क्या सांप्रदायिक ताकतों ने किया था आरोप तो सपा सांसद के नजदीकी लोगों पर लगा था उन लोगों की हिम्मत कैसे हुई क्या सांसद ने उन लोगों से पल्ला झाड़ा श्रीमान अरविंद केजरीवाल जी के मंत्रियों पर जब आरोप लगे तो उनको पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया श्रीमान अखिलेश यादव जी ने क्या किया क्या ऐसा नहीं लग रहा था कि उन लोगों को पूरा यकीन था कि सपा सांसद के नजदीकी हैं तो कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता पर इससे सबक नहीं लिया गया था इसके बाद 29 जुलाई 2016 की रात उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर ज़िले में दिल्ली-कोलकाता नेशनल हाइवे NH-91पर 12 लोगों ने मां-बेटी से कथित सामूहिक बलात्कार किया था मंत्रियों के सुन्न कर देने वाले बयान भी थे कांग्रेस की रेणुका चौधरी जी का विवादित बयान दिया था कि रेप तो चलते ही रहते हैं जो इसके दर्द को बढ़ाने के लिए ही दिए गए थे अपराध के लिए सरकार कह सकती है कि हमें पता नहीं था पर क्या उसके बाद कोई सबक नहीं लेगी सरकार एप्लिकेशन बना देने से हो जाएगा पुलिस भर्ती में औरतों की भागीदारी पुलिस में औरतों के प्रति संवेदनशीलता ये चीजें कैसे आएंगी हमेशा रिपोर्ट में आता है कि यूपी औरतों के लिए सबसे........ खतरनाक जगह है*_

_*5. पत्रकार को जिंदा जलाया गया मरते हुए तत्कालीन समाजवादी पार्टी सरकार के मंत्री का नाम लिया था पर कौन पकड़ा गया था---?*_

_*शाहजहांपुर के पत्रकार जगेंद्र सिंह जी को जिंदा जलाया गया इसमें भी सपा के एक मंत्री का नाम आया क्या वह मंत्री जेल में डाला गया था नहींं डाला गया था ये मामला ही पता नहीं कहां चला गया जबकि मरते हुए जोगेंद्र सिंह जी ने बयान दिया था कि मंत्री राममूर्ति वर्मा जी की शह पर पुलिस ने जलाया था इस बयान को आईपीएस श्रीमान अमिताभ ठाकुर जी ने ही रिकॉर्ड किया था राममूर्ति वर्मा जी स्टेट बैकवर्ड क्लासेज मिनिस्टर थे इस मामले की गवाह थी एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और विडंबना ये है कि उसी औरत ने राममूर्ति वर्मा जी और उनके लोगों पर रेप का इल्जाम लगाया था जगेंद्र सिंह जी ने इसी औरत के लिए लड़ाई लड़ी थी उस औरत ने ये भी कहा था कि राममूर्ति वर्मा के लोगों ने जगेंद्र सिंह जी के साथ उसे भी जलाने का प्रयास किया था पर वह भाग निकली बाद में वो औरत अपने बयान से मुकर गई थी ये कैसे हुआ था किसने उस औरत को मजबूर किया था बयान बदलने के लिए किन परिस्थितियों में कोई ऐसा करता है........*_

_*6. खनन माफिया को लेकर श्रीमान अखिलेश यादव जी चुप रहे थे शायद इनको समझ में ही नहीं आया था---*_
                                                                                                                   _*दुर्गा शक्ति नागपाल जी एक भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी हैं जो अपनी ईमानदारी के लिये जानी जाती हैं उन्होंने अवैध खनन के खिलाफ मोर्चा खोला था जिसके कारण श्रीमान अखिलेश यादव जी ने उन्हें निलम्बित कर दिया था श्रीमान अखिलेश यादव जी के राज में खनन को लेकर खूब चर्चा हुई थी  तत्कालीन गौतमबुद्ध नगर की कलेक्टर दुर्गाशक्ति नागपाल जी ने खनन माफिया पर शिकंजा कसना शुरू किया तो उन्हें श्रीमान अखिलेश यादव जी ने सस्पेंड कर दिया गया हालांकि 2016 में श्रीमान अखिलेश यादव जी ने गायत्री प्रसाद प्रजापति खनन मंत्री को बर्खास्त कर दिया था ये वही गायत्री प्रसाद प्रजापति हैं इन पर और छह अन्य लोगों पर चित्रकूट की एक महिला ने अपनी नाबालिग बेटी संग सामूहिक  गैंगरेप का आरोप लगाया था महिला का कहना था कि वह मंत्री गायत्री प्रजापति से मिलने उनके आवास पर पहुंची थी जिसके बाद मंत्री और उनके साथियों ने उसको नशा दे दिया और नाबालिग बेटी के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया शिकायत के बाद गायत्री प्रजापति की तरफ से परिवार को धमकी देने की बात भी सामने आई थी आरोप सिद्ध होने पर इनको आजीवन कारागार सजा सुनाई जा चुकी है खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति जिन पर बलात्कार का आरोप है को बर्खास्त कर दिया था पर ये याद रखना होगा दोस्तो कि ये 2016 था उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव आ रहा था........*_

_*7. आईजी अमिताभ ठाकुर जी का मुद्द---*_

_*अमिताभ ठाकुर जी की पत्नी ने गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ कंप्लेंट दर्ज कराई थी इसके बदले अमिताभ ठाकुर जी को धमकियां मिलने लगीं थीं एक ऑडियो भी आया था जिसमें पता चला कि खुद श्रीमान मुलायम सिंह यादव जी अमिताभ ठाकुर जी को धमका रहे थे कि जैसे एक बार पहले पीटे गये थे वैसे ही पीटे जाओगे अमिताभ ठाकुर जी अक्टूबर 2015 को उन्हें सस्पेंड कर दिया था श्रीमान अखिलेश यादव जी ने क्या किया इस मामले में आज अपनी गद्दी के लिए पिता के सामने खड़े हुए हैं पर जनता के कब खड़े हुए हैं श्रीमान अखिलेश यादव जी सिर्फ अपने स्वार्थ को लेकर अपने पिता के खिलाफ लड़े हैं........*_

_*8. यूपी पब्लिक सर्विस कमीशन के चेयरमैन अनिल कुमार यादव जी का मुद्दा---*_

_*अनिल कुमार यादव जी चेयरमैन थे और तब कमीशन पर करप्ट प्रैक्टिस का आरोप लगा कमीशन अनिल कुमार यादव जी  की निजी कंपनी की तरह काम कर रहे थे श्रीमान अखिलेश यादव जी आंख मूंदे रहे जब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इसमें हाथ डाला तब अनिल कुमार यादव जी को हटाया गया........*_

_*9. इससे बड़ा यादव सिंह का भ्रष्टाचार---*_
                                                                                     _*यादव सिंह नोएडा के चीफ इंजीनियर यादव सिंह पर सैकड़ों करोड़ की संपत्ति बनाने का आरोप लगा था पहले तो समाजवादी पार्टी की सरकार आना-कानी करती रही फिर बाद में 2014 में सस्पेंड कर दिया गया पर फरवरी 2015 में वन-मैन जुडिशियल इंक्वायरी बैठाई गई क्योंकि इसे मैनेज करना आसान था इलाहाबाद हाई कोर्ट में पेटीशन फाइल की गई कि सीबीआई इंक्वायरी हो श्रीमान अखिलेश यादव जी की सरकार ने इसका विरोध किया पर कोर्ट ने ऑर्डर दे दिया इसके बाद श्रीमान अखिलेश यादव जी की सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई पर वहां भी हाई कोर्ट का ही फैसला माना गया श्रीमान अखिलेश यादव जी की सरकार वैसे ही कार्य कर रही थी जैसे अब भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार भी हिटलर की तरह काम कर रही है किसको बचाना है किसको कैसे छुपाना है........*_

_*10. बुंदेलखंड का संकट---*_

_*बुंदेलखंड संकट 2015 में बुंदेलखंड में फरवरी और अप्रैल में बारिश हो गई थी फसलें खराब हो गईं थीं किसान मरने लगे थे बहुतों ने तो आत्महत्या कर ली थी और कई हार्ट अटैक से मर गये थे क्योंकि तत्कालीन श्रीमान अखिलेश यादव जी की सरकार ने फसल खराब होने को लेकर कोई फैसला नहीं दिया था किसी भी तरह के मुआवजे की बात नहीं की थी और श्रीमान मुलायम सिंह यादव जी किसान नेता चौधरी चरण सिंह जी के साये में बड़े हुए थे साल खत्म होने पर श्रीमान अखिलेश यादव जी की सरकार ने चैक बांटने शुरू किये लोगों को 23-23 रुपये के चैक बांटे गये बुंदेलखंड में ये क्राइसिस अचानक नहीं हो गई थी वहां तीन साल से सूखा भी पड़ा था अप्रैल 2016 में श्रीमान अखिलेश यादव जी ऑस्ट्रेलिया जाने वाले थे इससे पहले क्या वो बुंदेलखंड गये क्या वहां जाकर कुछ राहत का ऐलान किया था........?*_

_*11. साढ़े चार मुख्यमंत्रियों की सरकार बना कर जनतंत्र की मैयत निकाली---*_

_*समाजवाद पर चर्चा हो रही है शायद श्रीमान अखिलेश यादव जी की सपा सरकार के अकेले मुख्यमंत्री नहीं रहे थे बेशक वो इसका ठीकरा बाकी लोगों के सिर पर फोड़ सकते हैं और कह सकते हैं कि इसी बात की तो लड़ाई लड़ रहा हूं पर ये लड़ाई अपना कार्यकाल पूरा होने के बाद ही याद आया था तो क्या श्रीमान अखिलेश यादव जी को इसके लिए माफ कर दिया जाए कि आपका कोई दोष नहीं था 2012 से 2015 तक श्रीमान मुलायम सिंह यादव जी हर छह महीने में एक बार श्रीमान अखिलेश यादव जी को डांटते रहे थे यह इतिहास में पहली बार हो रहा था कि-                                                                                            किसी मुख्यमंत्री को उसका पार्टी सुप्रीमो प्रदेश की जनता के सामने डांट रहा था इनके अलावा PWD लोक निर्माण मिनिस्टर चाचा श्रीमान शिवपाल सिंह यादव जी अलग मुख्यमंत्री बने हुए थे श्रीमान रामगोपाल यादव जी अभी तो श्रीमान अखिलेश यादव जी के साथ हैं पर उस वक्त ये भी आधे मुख्यमंत्री हुआ करते थे फिर अर्बन डेवेलपमेंट मिनिस्टर जनाब आजम खान सहाब ने अलग सत्ता जमा रखी थी श्रीमान अखिलेश यादव जी कहां थे घर के छोटे बच्चे थे सीख रहे थे तो क्या जनता एक्सपेरिमेंट करने के लिए है ऐसे दिवंगत संजय गांधी ने भी एक बार एक्सपेरिमेंट किया था........*_

_*श्रीमान अखिलेश यादव जी कैसे मुख्यमंत्री बनेंगे इसका अंदाजा उसी समय हो गया था जब ये जीतकर आए थे उसी दिन सपा के लोगों ने गुंडई मचा दी थी कई जगह तो थाने फूंक दिये गये थे क्या श्रीमान अखिलेश यादव जी इससे भी अनजान थे हर जगह तो सीना ठोंककर बोले हैं कि 2012 का चुनाव मैंने ही जितवाया है सपा को अपने दोस्तों के साथ मिलकर पूरी प्लानिंग की थी तो आरोप लेने में चयनात्मक क्यों अब फिर एक बार अपनी सरकार मांग रहे हैं और कह रहे हैं कि मेट्रो ला दिये लखनऊ में 1090 हेल्पलाइन लाये डायल 100 लाये पुलिस तुरंत आ जाती है पर बड़ी घटनाओं ने क्या नजीर पेश की है कभी-कभी तो ऐसा लग रहा है कि सारे प्रोजेक्ट सिर्फ सरकार की नाकामी छुपाने के लिए उद्घोष किये गये हैं जब दिल्ली के आधे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हर बात पर धर लिया जाता है तो श्रीमान अखिलेश यादव जी से सहानुभूति क्यों क्या सिर्फ इसलिए कि वो युवा हैं या फिर इसलिए कि अपने पापा और चाचा से लड़ रहे हैं अपनी गद्दी के लिए जनता के लिए क्या किया है क्या जनता श्रीमान अखिलेश यादव जी का सिनेमा देखे के लिए है............? 🤣🤣*_

_*श्रीमान अखिलेश यादव जी ने अपने 5 सालों में यूपी के लिए क्या किया है इस सवाल का जवाब ढूढ रहा  हूँ दोस्तो आपको मालूम हो तो बतायेगा जरूर ऐसे टटीरी वालों को भगाओ और बहुजन समाज पार्टी (BSP) को लाओ धन्यवाद........🥰🙏*_

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