ब्राह्मण या ब्राह्मण वाद

इन प्रश्नों के उत्तर ढूंढो :-
मिल जाये फिर लतिया दियो चमचों को 👇👇👇                👇👇👇

1. बुद्ध के "बहुजन हिताय बहुजन सुखाय" में केवल आज के दलित,पिछड़े थे या अन्य वर्णों के लोग अर्थात ब्राह्मण,क्षत्रिय,वैश्य भी थे ?

2. बुद्ध के अनुयायी सिर्फ वर्ण व्यवस्था के शूद्र और अन्त्यज (आज के दलित) थे या वे सवर्ण और ब्राह्मण भी थे जिन्हें बहनजी सर्वजन कहती हैं ?

3. बाबा साहब अगर सर्वजन के विरोधी थे तो उन्होंने अपने संगठनों में प्रगतिशील ब्राह्मणों को क्यों महत्वपूर्ण पदों पर बैठाया ?

4. बाबा साहब अगर सर्वजन के विरोधी थे तो फिर उन्होंने एक ब्राह्मण महिला से विवाह क्यों किया ? 

5. इसी तरह क्या महात्मा ज्योतिबा फुले सर्वजन विरोधी थे ? अगर हाँ तो उन्होंने काशीबाई नामक एक विधवा ब्राह्मणी को संरक्षण क्यों दिया और उसकी संतान को अपना दत्तक पुत्र क्यों बनाया ?

दिमाग की बत्ती जलाओ, "सर्वजन हिताय,सर्वजन सुखाय" की सरकार बनाओ।

जातीय विद्वेष खत्म करके ही समाज में परिवर्तन लाया जा सकता है। बहुजन समाज में जन्में महापुरुषों ने नफरत फैलाने की शिक्षा कभी नहीं दी याद करो साहब कांशी राम जी को जिन्होंने बोला था |
मैं तोड़ने वालों को चुनौती देता हूँ की आप खूब तोड़ो,
मैं खूब जोड़ने की अपने ऊपर ज़िम्मेदारी लेता हूँ।
#जनता_का_विश्वास_बहनजी
हमारा नारा भाई चारा :-
सर्वजन की आवाज बहिन हमको तुम पर है नाज बहिन जी 💙🐘💙🐘💙
SAGAR GAUTAM NIDAR

Comments

Popular posts from this blog

जब उत्तर प्रदेश बना उत्तम प्रदेश

अपने ही गिराते हैं नशेमन पे बिजलियाँ

बोधिसत्व सतगुरु रैदास