समाज की सच्ची हितैसी हैं बहिन जी


🐘 कृपय़ा लेख पूरा और ध्यान से पढ़ें 🐘
बसपा मेरी पार्टी और बहन मायावती जी मेरी नेता क्यों?

1. दुलीना काण्ड मे 5 दलितों को जिन्दा जलाया गया तब बहन जी खुद हरियाणा आई और पीड़ितों को न्याय के साथ आर्थिक सहायता भी दी और सरकार से दिलवाई।
2. रोहित वेमुला की सहादत पर केवल बहन जी ने संसद मे आवाज उठाई और इससे पुरे देश मे मोदी सरकार और खासकर स्मृति ईरानी की थू थू हुई। सहारनपुर और रोहित वेमुला काँड पर केवल बहन जी ने राज्यसभा से इस्तीफा दिया जबकि अन्य पार्टियों के दलित आरक्षित सीटों के नेता वहाँ मौजूद थे वो न तो बोल ही सके न बहन जी का साथ दे सके।
(चरणों मे शीश काट कर आज तक नही चढ़ाया स्मृति ईरानी ने बहन मायावती के...वो वीडियो सभी ने देखि होगी)
3. सहारनपुर के सब्बिरपुर काण्ड मे केवल बहुजन नेताओं मे से बहन जी जाकर आई और 50-50 हज़ार आर्थिक सहयोग समाज के लोगों को दे कर आई थी और कहा था, कम से कम आप लोग अनाज तो खरीद लेना भूखे मत रहना। बाकि अन्य पार्टियों के खासकर आरक्षित सीटों से चुनाव जीते नेता न तो बोल सके न सहारनपुर गए।
4. ऊना कांड पर बहन जी ने बीजेपी सरकार पर जोरदार हमला बोला, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर विरोध के स्वर बीजेपी के खिलाफ समाज मे उठे।
5. 2 अप्रैल के भारत बन्द का किसी नेता ने समर्थन खुले दिल से किया तो बहन जी थी या फिर ओमप्रकाश चौटाला।
बहन जी ने राजस्थान और मध्यप्रदेश मे कांग्रेस को बाहरी समर्थन दिया हुआ था, तभी समर्थन से पहले मीडिया मे बयान दिया के 2 अप्रैल के भारत बन्द मे जेलों मे पड़े हमारे समाज के लोगों के केस राज्य सरकार तुरंत प्रभाव से वापिस ले...जो वापिस हुए भी और बहन जी के दबाव के कारण मंत्रिमंडल की विशेष मीटिंग हुई और उसी दिन शाम को केस वापिस भी हुए।
6. अभी हाल ही मे हुए अलवर गैंग रेप की दुखद घटना पर चार दिन तक कोई करवाई नहीं  हुई , चन्द्रशेखर ने प्रदर्शन किया पर उनको अरेस्ट किया गया, बहन जी ने बयान दिया के या तो आरोपियों पर करवाई करो या हम सरकार से समर्थन वापिस लेते हैं शाम होने से पहले सभी आरोपी जेल मे थे, मुख्यमंत्री राजस्थान और राहुल गांधी पीड़िता के घर थे, यही फर्क है संग़ठन और पार्टी मे...पार्टी की आवाज़ को सुना गया और संग़ठन वालों को अरेस्ट किया गया।
हरसोला काँड, गुह्ना काँड और भी बहुत से विषय है जिनमे बहन जी ने राजनितिक नुकसान झेलते हुए समाज का साथ दिया।
7. चाहे गरीबो को सरकार बनने पर 3-3 एकड़ जमीन के पट्टे देकर मज़दूर से किसान बनाने की बात हो या फिर बहुजन महापुरुषों के नाम पर जिले,तहसील और शिक्षण संस्थानों के नाम रखने की बात हो या गौतम बुद्ध के नाम पर विश्वविद्यालय खोलने का काम हो,बहुजन महापुरुषों के नाम पर सरकारी योजनाओं के नाम की बात हो, बहन जी ने वो सब किया जो बड़े बड़े दलित नेता सपने मे भी नही सोच सकते।
8. क्या किसी नेता ने आज तक अम्बेडकर छात्रवृत्ति योजना शुरु की थी,क्या किसी ने मान्यवर कांसीराम शहरी एवं ग्रामीण आवास योजना शुरू की, इनका श्रेय बसपा और बहन जी देता हुँ।

यही कुछ वजह हैं जिनसे मै बहन मायावती जी और बसपा से प्रभावित हुँ और रहुँगा। 

9. कहीं न कही बहुजन समाज को मूकनायक से वक्ता और पंचायतो और थानों मे अपनी बात कहने की हिम्मत इसी पार्टी के अस्तित्व मे आने के बाद शुरू हुई।
दलितों को एकत्र कर राज के बारे मे बात करने की कला साहब कांसीराम की पार्टी बसपा की वजह से है।
10. कुछ लोग जो साहब कांसीराम का तो विरोध नहीं करते, पर बहन जी का विरोध करते हैं वो अच्छे से जानते हैं कोई तो वजह होगी जो साहब ने बहन जी ही क्यों अपना उत्तराधिकारी घोषित किया , फिर ऐसे लोग कहीं न कही साहब कांसीराम जी के निर्णय का ही विरोध अपरोक्ष रूप से करते हैं।
10. आजकल कुछ बड़े अम्बेडकरवादी बने फिरते हैं, वो भी मानते हैं के साहब कांसीराम से बड़ा कोई अम्बेडकरवादी आज तक पैदा नही हुआ और न होगा...फिर उनकी ही पार्टी और बहन जी का विरोध वो तथाकथित अम्बेडकरवादी करते हैं...दम है तो सीधा साहब कांसीराम का विरोध करो। बहन जी ने त्याग किया है और साहब के दुनिया से जाने के बाद भी पार्टी को और ज्यादा ऊंचाई दी है पर वर्तमान मे कुछ दिक्कते हुई है फिर भी बहन जी मज़बूती के साथ एक महिला होते हुए बीजेपी और कांग्रेस के सामने डट कर खड़ी हैं। दुनिया कब की बहन जी को दृढ़ हौंसले वाली नेता मान गयी,पर कुछ लोगों के पेट मे सदा ही बहन जी के लिए विरोध का दर्द रहता है। बहन जी ने खुद को साहब के जाने के बावजूद एक राष्ट्रीय नेता के रूप मे स्थापित किया जबकि उनसे भी पहले संघर्षरत दलित नेता केवल क्षेत्रीय दलों के नेता बने रहे, बहन जी राजनीतिक कौशल की वजह से ही चार बार भारत के सबसे बड़े राज्य की सफल मुख्यमंत्री रही...विरोधियो के मुंह बन्द करने के लिए इतना बहुत है।
11. प्रमोशन मे आरक्षण बिल बहन जी ने पास करवाने की कोशिश की,यदि कांग्रेस धोखा नही देती तो ये बिल कब का पास हो जाता और हमारे नौकरीपेशा भाइयों को इसका लाभ मिलता, जैसे जैसे सरकारी नोकरी खत्म कर दी गयी या की जा रही हैं बहन जी ही वो नेता हैं जिन्होंने प्राइवेट नौकरी मे आरक्षण की बात की।
अब क्यों न मै बहन जी को अपना नेता मानूँ, बसपा ने समाज को पार्टी के रूप मे एक मज़बूत राष्ट्रीय विकल्प दिया है और एक राष्ट्रीय नेता के रूप मे आदरणीय बहन कुमारी मायावती जी।
समाज का साथ देने की वजह से कुछ लोग बसपा से चाहते हुए भी नही जुड़ते, क्या ये राजनीतक नुक्सान नहीं है, फिर भी बहन जी समाज के दुःख दर्द मे सबसे आगे खड़ी नज़र आती है।
फिर कहता हुँ मायावती का विरोध करना आसान पर मायावती बनना उतना ही मुश्किल।
जय भीम जय भारत जय संविधान जय बहुजन नायक मान्यवर साहब कांसीराम जी जय बसपा🙏🐘🙏 08/11/2019

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