बसपा विरोधी मीडिया 💙💙


मीडिया बसपा का संज्ञान नहीं लेती।लेती भी है तो निगेटिव नैरेटिव सेट करने के लिए।मसलन बसपा से निष्कासित फला नेता ने बसपा अध्यक्ष पर पैसे लेने का आरोप लगाया। जो हाल ही में 18/20 साल के हुए हैं उनकी तो खैर कोई गलती नहीं है|

 लेकिन जो प्रौढ़ हैं यदि उनको दीनानाथ भास्कर और दैनिक जागरण प्रकरण याद हो तो कृपया बताएं कि दैनिक जागरण ने जिस इंटरव्यू को छापा था, जिसकी वजह से दैनिक जागरण कार्यालय भी फूंका गया था, उस दावे का क्या हुआ?अब तक तो उस तथाकथित का पता चल ही जाना चाहिए था|

कोढ़ में खाज ये कि बसपा को आए दिन अपने द्वारा तैयार किए हुए अतिमहात्वाकांक्षी नेताओं से भी लड़ना पड़ता है।

दरअसल मान्यवर साहब ने गैर-राजनीतिक पृष्ठभूमि से होते हुए भी जिस तरह से संगठन और उसके बाद राजनीतिक दल बनाकर जो उदाहरण पेश किया, उसको देखकर छोटे छोटे संगठन चलाने वाले बहुत से लोगों को प्रेरित किया और वे भी मान्यवर कांशीराम बनने निकल पड़े।

अब चूंकि ये भी कभी न कभी बसपा से जुड़े हुए थे तो वे भी बसपा का क्षेत्रीय तौर पर बहुत नुक्सान करते हैं और मीडिया ऐसे लोगों को खूब प्रचारित करती है। जबकि आजतक ऐसे लोग कुछ उखाड़ न सके। फिर भी बहुजन समाज के आम लोग इनके बहकावे में आ जाते हैं।

बहुजनों एक बात अच्छी तरह से जान लो कि मैं ऐसे बहुत से बसपा से अलग हुए मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और पदाधिकारियों के नाम गिना सकता हूं जो बसपा में रहकर न सिर्फ ऊंचे-ऊंचे पदों पर थे अपितु अपनी काबिलियत का लोहा भी मनवाते थे और आज वे नेपथ्य में हैं। उनका कोई वजूद भी नहीं है।

आखिर मीडिया को बसपा ही क्यों नहीं सुहाती?
अतः किसी के बहकावे में न आएं
बसपा ऐसे ही थोड़ी बनी है।
कुछ तो बात होगी हमारे बुजुर्गों की कुर्बानियों में.....
जय बसपा तय बसपा

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