EVM कौन लाया भारत मैं
EVM कौन लाया इस देश मे, कब लाया, क्यों लाया?
कांशीराम जी के बढ़ते प्रभाव और उभरती राजनैतिक ताकत का अनुमान इंदिरा गांधी को हो गया था। लोगो की जागरूकता देख कांग्रेस का खत्म होना सुनिश्चित था। तब इंदिरा गांधी देश मे EVM लेकर आई।
वो अपनी साजिशों में कामयाब होती इससे पहले उसकी हत्या हो गई। और उसके बाद OBC को आरक्षण मिल गया। अगर इंदिरा न मरती तो OBC को कभी आरक्षण नहीं मिल पाता। और EVM के खेल से कभी कोई दूसरी गैर ब्राह्मण राजनैतिक पार्टी पनप ही नहीं पाती।
इस साजिश को समझना जरुरी है कि आखिर क्यों कांग्रेस दबी जुबान में BJP द्वारा EVM धांधली किये जाने की बात तो बोल रही है पर EVM का विरोध नहीं कर रही?
आज जहाँ BJP नहीं वहां कांग्रेस है, जहाँ कांग्रेस नहीं वहाँ अब BJP है। उत्तर भारत में ये प्रयोग सफल रहा... अब दक्षिण भारत की तरफ इसे आजमाया जाएगा, और क्षेत्रीय पार्टियों को समाप्त कर सिर्फ BJP कांग्रेस को ही संसद विधान सभा तक पहुंचाया जाएगा।
जम्मू कश्मीर में इसे आजमाया जाता मगर, जान का रिस्क लेने की औकात नहीं है संघीयों में इसलिए मिलीजुली सरकार का नाटक करने के लिए मामूली धांधली की गई।
आप खुद सोचिये, कांग्रेस का जनाधार खत्म हो रहा है या क्षेत्रीय पार्टियों का?
जब लगभग पूरे देश में EVM का विरोध हो रहा है तब BJP EVM के बिना चुनाव करवाने को तैयार नहीं, कांग्रेस भूले से भी EVM का विरोध नहीं करेगी।
कुछ और तथ्य जो आपको जानने चाहिए... जैसे कि..
1.
मुख्य चुनाव आयुक्त अचल कुमार ज्योति वही IAS है जिन्होंने मोदी को गुजरात 2002 हत्याकांड में क्लीन चिट दिलवाई थी।
इनकी नियुक्ति पर प्रतिक्रिया देते हुए गुजरात के पूर्व पुलिस अधिकारी संजीव भट्ट ने ट्वीट किया था, "गुजरात सरकार के पूर्व मुख्य सचिव ए के ज्योति नये मुख्य चुनाव आयुक्त होंगे"। भारत को अब स्वतंत्र और स्वच्छ चुनाव को अलविदा कह देना चाहिए।
2.
पिछले 3 सालों में जहाँ जहाँ भी जो चुनाव बेलेट पेपर से हुए, BJP न सिर्फ चुनाव हारी है बल्कि 3-4 नं पर लुढ़क गई है।
3. विश्व भर के 195 देशों में सिर्फ 24 देशो में चुनाव EVM से होते है।
चीन, जापान, इंग्लैंड, फ्रांस, रूस, अमेरिका जैसे देशो की जनता EVM से चुनाव नहीं होने देती। भक्तो को मिर्ची लगेगी जब उनको पता चलेगा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका में भी चुनाव बेलेट पेपर से होता है।
अमेरिका की जनता ने EVM से चुनाव करवाने की कोशिशों को नकार कर सरकार को मजबूर किया कि चुनाव बेलेट पेपर से ही हो।
EVM से चुनाव में सिर्फ लोकतंत्र की हत्या ही होगी। ब्राह्मण वर्चस्व कायम किया जाएगा। जब प्रशासन तंत्र में ब्राह्मणवादी विचारधारा के लोग स्थापित हो जाएंगे, संवैधानिक अधिकार खत्म कर दिए जाएंगे। जैसा कि RSS अपनी विचारधारा में बतला भी चुका है।
EVM जलाइए, देश जलने से बचाइए।
!!जय भीम जय बसपा :- 13/03/2017
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