ख़ैर लांजी हत्या कांड
आज से 15 साल पहले आज ही के दिन महाराष्ट्र के खैरलांजी गांव में सुरेखा भोतमांगे, उसके दो बेटे और एक बेटी को गांव के मध्यम जातियों ने बेहरहमी से हत्या कर दी.
हत्या करने से पहले सुरेखा भोतमांगे और उसकी बेटी का सामूहिक बलात्कार किया गया. बाद में दोनों बेटों सहित दोनों को नंगा कर पूरा गांव घुमाया गया. यह दिखाने के लिए छोटी जाति के लोग अगर अपने से ऊंची जाति के खिलाफ विद्रोह और पुलिस शिकायत करेंगे तो अंजाम येही होगा.
नग्न अवस्था में गांव घुमाने के चारों को पत्थरों से, डंडों से पीट पीटकर मार दिया गया. स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने अपराधियों का साथ दिया. बेहद हल्का मामला दर्ज किया. राजनीति में फेल लेकिन सामाजिक रूप से जागरूक मराठी SC ST ने पूरा महाराष्ट्र हिला दिया.
लेकिन स्थानीय स्तर पर खेल हो चुका था. कमजोर FIR और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बलात्कार का उल्लेख नही किया गया. राज्य तत्कालीन गृहमंत्री ने लापरवाही बरतने के आरोप में पांच पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड किया. और न्याय दिलाने का दायित्व सरकारी वकील उज्ज्वल निकम को सौंपा.
उज्ज्वल निकम फेमस सरकारी वकील हैं. महाराष्ट्र सरकार इन्हें हाई प्रोफाइल केस देती है. 24 घन्टे जेड सुरक्षा में रहते हैं. सामाजिक संगठनों ने फरियाद की खैरलांजी घटना में बलात्कार हुआ था. उज्जवल निकम ने बात नही मानी. कहा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बलात्कार का उल्लेख नही है.
क्या पोस्टमार्टम रिपोर्ट बदली नही जा सकती. क्या ग्रामीण अस्पतालों के डॉक्टर लालच या स्थानीय प्रशासन के दबाव में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हेरफेर नही कर सकते ?
भोतमांगे परिवार में केवल घर के मुखिया भैयालाल भोतमांगे बचे थे, कारण वे उस दिन घर पर मौजूद नही थे. 2017 में दिल का दौरा पड़ने से भैयालाल की मौत हो गयी. अब खैरलांजी के भोतमांगे परिवार को न्याय दिलाने का दायित्व पूरे बहुजन समाज पर है.
क्या ग्रामीण इलाकों में कभी SC ST समाज ने OBC या सवर्णो का घर जलाया है. क्या उनके घर की महिलाओं को नंगा कर पूरा गांव घुमाया है ? कौन सी जाति जातीय हिंसा करता है इसपर खुलकर बहस होनी चाहिए और उन जातियों को सुधारने के लिए कार्यक्रम चलाना चाहिए |
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