चमार विलियम कैरी

विलियम कैरी का जन्म 1761 को इंग्लैंड के पौलर्सपरी प्रान्त में हुआ था. पिता बुनकर थे, लेकिन विलियम कैरी ने पढ़ाई करने के दौरान चमार बनने का फैसला किया. जूते चप्पल के कारखाने में काम करने लगे, बेहद खूबसूरत जूते चप्पल बनाते.

विलियम कैरी खुद को जूते चप्पल बनाने वाला चमार कहलाना पसंद करते थे. उच्च शिक्षा के बाद स्कूल में मास्टर बने. शिक्षा का रास्ता उन्हें धर्म शिक्षा की ओर खींच लाया. बाइबिल का अध्ययन किया और कैरी बन गए ईसाई मिशनरी संगठन में धर्म प्रचारक.

इंग्लिश चमार विलियम विलियम कैरी ने 1793 में भारत की भूमि पर कदम रखा. कलकत्ता को अपनी कर्म भूमि बनाया. कुलीन ब्राह्मणों ने इंग्लिश शिक्षा ग्रहण करने के लिए विलियम कैरी को घेर लिया. हर ब्राह्मण उनका शिष्य बनना चाहता था. विलियम कैरी ने किसी को निराश नहीं किया सभी को इंग्लिश भाषा सिखाई. कैरी से इंग्लिश भाषा सीखने वालों में राजा राम मोहन रॉय भी थे.

भारत का चमार संस्कृत भाषा नही पढ़ सकता था. इंग्लैंड का चमार संस्कृत भाषा पढ़ सकता था. विलियम कैरी ने संस्कृत भाषा समेत अन्य भारतीय भाषा का अध्ययन कर बाइबिल को संस्कृत और अन्य भारतीय भाषाओं में अनुवाद किया. 

भारत में जवान महिलाओं को उनके मृत पति के चिता पर जिंदा जलाया जा रहा था. विलियम कैरी ने इस प्रथा को आपराधिक कृत्य कहा. ब्राह्मण पंडितों ने इसे सती प्रथा कहा जो ब्राह्मण धर्म का अटूट हिस्सा है.

विलियम कैरी ने सती प्रथा के खिलाफ बड़ा आंदोलन चलाया. ईसाई मिशनरियों को समाजसुधारक और लिबरल बनता देख बंगाली ब्राह्मण जैसे राजा राम मोहन रॉय भी समाजसुधारक और लिबरल बनने लगे. बंगाल में ईसाई मिशनरियों की प्रसिद्धि बढ़ गई. इससे चिढ़कर राजा राम मोहन रॉय ने ईसाई मिशनरियों पर हमला करना शुरू कर दिया.

विलियम कैरी ने अपने प्रयास और आंदोलन से सती प्रथा पर गहरी चोट की और ब्राह्मण धर्म की अटूट प्रथा 1829 को अवैध करार दे दी गयी. तत्कालीन गवर्नर जनरल विलियम बैंटिंक के सती प्रथा पर कानून पास कर अपराध का दर्जा दिया.

जॉन ब्राउन मयर्स ने महान विलियम कैरी की बायोग्राफी लिखी, शीर्षक दिया "कैरी विलियम कैरी द शोमेकर हू बिकम द फादर एंड फाउंडर ऑफ मॉडर्न मिशन्स".

नोट : लॉर्ड मैकाले सिस्टम से पहले ब्राह्मणों को इंग्लिश भाषा पढ़ाने वाले शूमेकर विलियम कैरी थे...

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