गौतम बुद्ध विश्व विद्यालय :-

#गौतम_बुद्ध_विश्वविद्यालय
बहुत लोगों का सवाल था कि बीएसपी द्वारा किये गए कार्यों का विवरण यदि है तो उसे सामने रखा जाय। यह एक विडंबना ही है कि वाकई में ऐसे कार्यों पर मीडिया की या लोगों की कभी नज़र नहीं गई लेकिन मेरे लिये सभी कार्यों का एक बार में बताना थोड़ा मुश्किल है इसलिये बीच बीच में एक एक पोस्ट बसपा सरकार अथवा बहन मायावती जी के मुख्यमंत्री कार्यकाल में उनके द्वारा किये गये बड़े बड़े कार्यों पर भी जरूर बताऊंगा। 

आज उनकी सबसे बड़ी और जरूरी उपलब्धि #गौतम_बुद्ध_विश्वविद्यालय पर बात करूंगा जो 511 एकड़ एरिया में फैला हुआ है, जिसमे 50000 से ज्यादा हरे भरे पेड़ लगाए हुए है, 
गौतम बुद्ध नगर, उत्तर प्रदेश का मुख्य एकेडमिक ब्लॉक है। जिसमें बुद्ध द्वारा प्रतिपादित सम्यक जीवन के लिए आठ मार्गों को आधार मानकर बनाये गए आठ संकाय नजर आ रहे हैं । 

यह विश्वविद्यालय (महाविहार) नालंदा, तक्षशिला, विक्रमशिला, जगदल्ला, ऊदंतपुरी, सोमपुरा, वल्लभी एवं पुष्पागिरी जैसे विश्व विख्यात एवं विश्वस्तरीय विश्वविद्यालयों की महान बौद्धिक परम्परा को आगे बढ़ाता हुआ, बौद्ध स्थापत्य कला की एक अद्भुत एवं उत्कृष्ट कलाकृति का जीता जागता उदाहरण है। यह वर्तमान में दुनिया का शायद सबसे खूबसूरत शैक्षिक परिसर है इतना सुरुचिपूर्ण एवं व्यवस्थित कि देखते ही मन को भा जाये। 

यहां  बौधिसत्व डा. आंबेडकर पुस्तकालय, गोलाकार  मध्य में स्थित तथागत बुद्ध की प्रतिमा के ठीक पीछे स्थित है 2000 स्टूडेंट्स के एक साथ बैठकर अध्ययन करने की सुविधा के साथ यह पुस्तकालय, एशिया का सबसे बड़ा, लगभग दो लाख स्क्वायर फुट कार्पेट एरिया में बना हुआ है। यह भारत का एक मात्र विश्वविद्यालय है जो अपने छात्रो को अंतिम सत्र में विश्व के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों (अमेरिकन-यूरोपियन) भेजता था हालांकि इस स्कीम को पिछली सरकार (सपा) ने बन्द करा दिया था।

विशाल स्तूपाकार जोतिबा फूले मेडिटेशन सेंटर बहुत ही भव्य एवं विलक्षण है जो विश्वविद्यालय को एक अलग ही पहचान देता है। स्टूडेंट्स के आलआउट विकास के लिए खेल कूद परिसर आधुनिक अंतरराष्ट्रीय सुविधाओं से सुसज्जित है। ब्रिटिश पार्लियामेंट के बाहर स्थित लंदन स्क्वायर की तर्ज पर बना सामाजिक परिवर्तन प्रतीक स्थल, जहां सामाजिक परिवर्तन आंदोलन के नौ पुरोधाओं की बहुत ही खूबसूरत बोलती हुई प्रतिमाएं एंव विश्वविद्यालय का औचित्य सिलालेख स्थापित है। बहुत ही सुखद एवं भव्य मजंर बनाता हैं। 

गौतम बुद्ध नगर में बड़ी-बड़ी कंपनियां, ऊंची ऊंची इमारते हैं. एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट प्रोजेक्ट और हॉलीवुड की तर्ज पर बनने वाली फिल्म सिटी जैसे नाम गौतम बुद्ध नगर से जुड़ चुके हैं। अब ग्रेटर नोएडा में मौजूद गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी विदेशी छात्रों के लिए पहली पसंद बनती जा रही है. 2021-22 के सेशन की बात करें तो विश्वविद्यालय में 260 विदेशी छात्रों ने अब तक आवेदन किया है। 

दुनिया की सभी महान शिक्षण संस्थानों की तरह यह भी पूरी तरह एक आवासीय विश्वविद्यालय है जहां 5000 स्टूडेंट्स के लिए 19 आधुनिक सिंगल सीटेड होस्टल (6 लडकियों व 13 लडकों) के लिये हैं। सामाजिक परिवर्तन के लिये प्रतिबद्ध क्रान्तिकारियों के संघर्ष, बलिदान एवं विरासत को समर्पित ये छात्रावास सावित्रीबाई फूले, रमाबाई अम्बेडकर, महामाया, बिरसा मुंडा, कबीर साहेब, संत रविदास, गुरु घासी दास साहूजी महाराज, नारायणा गुरु आदि के नाम पर रखे गये हैं।  

कैंपस में बने हुए हैं आठ स्कूल स्कूल आॅफ मैनेज्मेंट, स्कूल आॅफ बायोटेक्नोलाॅजी,  स्कूल आॅफ इंफोर्मेशन एंड कंयूनिकेशन टेक्नोलाॅजी, स्कूल आॅफ इंजीनियरिंग, स्कूल आॅफ ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेज, स्कूल आॅफ वोकेशनल स्टडीज एंड अप्लाइड साइंसेज, स्कूल आॅफ लाॅ, जस्टिस एंड गवर्नेंस, स्कूल आॅफ बुद्घिस्ट स्टडीज एंड सिविलाइजेशन प्रमुख है। इन 8 स्कूलों में 60 से अधिक कोर्स चलाये जाते हैं। जैसे,

स्कूल आॅफ मैनेज्मेंटः इंटीग्रेटिड डुअल डिग्री प्रोग्म बीबीए-एमबीए, एमबीए, एमबीए टूरिज्म एंड ट्रैवल, पीएचडी बिजनेस मैनेज्मेंट। स्कूल आॅफ बायोटेक्नोलाॅजीः इंटीग्रेटिड डुअल डिग्री प्रोग्म बीटेक-एमटेक-एमबीए, एमटेक बायोटेक दो साल, पीएचडी बायोटेक्नोलाॅजी। स्कूल आॅफ इंफोर्मेशन एंड कंयूनिकेशन टेक्नोलाॅजीः इस स्कूल में 6 कोर्स चल रहे हैं। जिनके बारे में आप यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर जाकर चेक कर सकते हैं। स्कूल आॅफ इंजीनियरिंगः इस स्कूल में  इंटीग्रेटिड डुअल डिग्री प्रोग्म से लेकर सिविल इंजीनियरिंग तक 15 कोर्स चल रहे हैं।

स्कूल आॅफ ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेजः इस स्कूल में मास्टर डिग्री से लेकर एमफिल तक के 12 प्रोग्राम है। स्कूल आॅफ वोकेशनल स्टडीज एंड अप्लाइड साइंसेजः इस स्कूल में इंटीग्रेटिड डुअल डिग्री प्रोग्म के साथ 11 कोर्स में पढ़ार्इ होती है। जिनकी जानकारी आैर कोर्स स्ट्रक्चर वेबसाइट पर जाकर मिल जाएगा। स्कूल आॅफ लाॅ, जस्टिस एंड गवर्नेंसः  इंटीग्रेटिड डुअल डिग्री प्रोग्म बीए एलएलबी,  इंटीग्रेटिड डुअल डिग्री प्रोग्म बीबीए एलएलबी, एलएलएम अौर पीएचडी इन लाॅ।

स्कूल आॅफ बुद्घिस्ट स्टडीज एंड सिविलाइजेशनः बीए आॅनर्स-एमए बुद्घिस्ट स्टडीज एंड सिविलाइजेशन, एमए बुद्घिस्ट स्टडीज एंड सिविलाइजेशन, एमफिल एमए बुद्घिस्ट स्टडीज एंड सिविलाइजेशन, पीएचडी एमए बुद्घिस्ट स्टडीज एंड सिविलाइजेशन। यह तमाम सुविधाएं केवल किसी एक धर्म या जाति विशेष के लिये नहीं बल्कि सभी के लिये समान रूप से उपलब्ध है। इसके अलावा टीचर्स के लिए 750 सुरुचिपूर्ण, सुविधाजनक एवं सम्मानजनक आवासीय परिसर का निर्माण भी किया गया है। 

यहां बहुत कुछ है जो अद्भुत, अकल्पनीय एवं विशेष है, विश्वस्तरीय है। 2011 में जब यह विश्वविद्यालय लगभग तैयार हो चुका था, तो #प्रोफेसर_तुलसी_राम जी, जो अन्यथा बहनजी के बहुत ही निर्मम आलोचक रहे हैं, कई अन्य साथियों के साथ GBU आये थे। विश्वविद्यालय की भव्यता, विशालता, स्थापत्य कला एवं सैद्धांतिकी को देखकर बेबस ही उनकी आंखें नम हो आई थी और फिर भाव-भिवोर संजीदा होकर  कहने लगे कि इस महान ऐतिहासिक कार्य के लिए मायावती के हजार खून माफ।

तमाम राजनैतिक विरोध के बावजूद, अगर आज भी आप गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय जायेंगे तो निश्चित ही अपना नज़रिया बदलने पर मजबूर हो जायेंगें। देश को ऐसे सेंकड़ों विश्वविद्यालयों की जरूरत है। खासकर इस समय। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद और बीएसपी अध्यक्ष बहन कु मायावती जी ने दिनांक 28_अगस्त_1997 को #गौतम_बुद्ध_विश्वविद्यालय" का शिलान्यास किया था। 

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