राष्ट्र पिता फुले जयन्ती
राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले के जन्म दिन की आपको सपरिवार हार्दिक मंगलकामनाएं
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राष्ट्रपिता ज्योतिबा ने अपने अनुभव से समझा और समाज मे किसानों , मजदूरों वंचितों ओर पिछड़ी जातियों की दुर्दशा देखकर महसूस किया कि इनकी दुर्दशा का मुख्य कारण उनकी अशिक्षा ह ओर इनको शिक्षित करने से ही इनका उद्धार हो सकता ह ओर इनकी तरक्की का मार्ग खुल सकता यह सोच समझकर राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले ने 1848 में पहला स्कूल शुरू किया जिसमें पिछड़ी जाति के बच्चों को पढ़ाना शुरू किया उन्होंने इन बच्चों को बड़े मन लगाकर बड़े अच्छे ढंग से पढ़ाया छात्रों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती गई तो अध्यापक की कमी महसूस होने लगी तो इन्होंने अपनी पत्नी को शिक्षित किया और बच्चों को पढ़ाने के लिए तैयार किया इस कार्य मे उनकी पत्नी के साथ एक महिला जिसका नाम फातिमा था उसने भी बच्चों को पढ़ाने में सहयोग किया बच्चे भी इतने मनसे पढ़ाई करते थे कि 1954 में ज्योतिबा द्वारा खोले गए स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का रिजल्ट सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों से अच्छा था इस अंग्रेज सरकार ने ज्योतिबा को तथा उनके विद्यार्थियों को सम्मानित करने का फैसला लिया जब अंग्रेज अधिकारी अच्छा रिजल्ट लाने वाले विद्यार्थियों को इनाम दे रहे थे तब एक लड़की ने इनाम लेने से मना कर दिया यह कहते हुए की मुझे इनाम देने की बजाए उनके पुस्तकालय में किताबें रखवा दीजिए यह सुनकर अंग्रेज अधिकार को आश्चर्यजनक खुशी हुई ऐसा ज्योतिबा फुले ने बच्चों को पढ़ाया
एक बार इंग्लैंड की महारानी का बेटा भारत आया उनके लिए सम्मान समारोह का आयोजन किया गया उसमे ज्योतिबा फुले को भी आमंत्रित किया गया महामना फुले उस प्रोग्राम में गए एक गरीब किसान की वेशभूषा में तो वहां के आयोजकों ने उनको अंदर घुसने नहीं दिया तो किसी ने उनको पहचान लिया और अंदर बुलाया जब वो स्टेज पर पहुंचे ओर भाषण दिया उसमे उन्होंने जिक्र किया कि भारत के गरीब और पिछड़ी जातियां तथा किसान दिन रात काम करते ह लेकिन उनको पहनने के लिए कपड़े भी नसीब नहीं ह खाने के लिए खाना नहीं हम यहां के भूमिपुत्र ह यहां हम कमा कमा कर टैक्स के रूप में बहुत पैसा दे रहे ह लेकिन हम यहां बड़ी दरिद्रता में जी रहे ह ओर हमारी बड़ी माता इंग्लैंड में ह आप जाकर हमारी उस बड़ी माता को उसके पुत्रों की दुर्दशा बताना ओर कहना कि हमारी पढाई के लिए कुछ इंजताम करे बिना शिक्षा के हमारी बहुत बुरी स्थिति ह अशिक्षा की वजह से हमारा शोषण हो रहा ह यहां पर हम अपनी उस बड़ी माता से आश लगाए बैठे ह हमारे लिए बेहतर शिक्षा का प्रबंध करे और उसके बाद अंग्रेज सरकार ने हंटर आयोग को भारत भेजा ताकि पिछड़ी जातियों के लिए शिक्षा के प्रबन्ध किए जा सकें इसके बाद हम पढ़े
महामना फुले कहते थे अंग्रेज भारत के वरदान बनकर आये ह पिछड़ी जातियों को इस अवसर का भरपूर फायदा उठाना चाहिए
आज किसान मजदूर तथा पिछड़ा वर्ग महामना ज्योतिबा फुले की वजह से पढ़ सका ह उन्होंने करीब 18 स्कूल खोले थे उनके इस महान कार्य के लिए उनको बार बार नमन
#vidrohi_sagar_ambedkar
https://twitter.com/SGautamni/status/1381039372460388358?s=19
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