वृक्ष बूढ़ा हो चला पंछी को खबर नहीं 👇👇

#वृक्ष_बूढा_हो_चला_पंछी_को_खबर_नही 

मुझे ठीक से याद है अपने बचपन के दिन
कि जब  2001 के आस -पास जब #उत्तर प्रदेश किसी भी मैदान में #मायावती की रैलिया होती थी 👈

तब मेरे मौहल्ले गाँव और ज़िले वाले अपना काम धन्धा छोड़ कर उनको उन्हें देखने जाते थे 👈

जब रैलिया देख आते थे तब लोग कहते थकते नही , कि आंधी कि तरह स्पीच देती है , कोई तो है जो अपने समाज को आगे ले जाने के लिये जी जान लगा रही है 👈

तब उस उम्र में हमे कहा पता था कि वो अम्बेडंकर की सपनो को मूर्त रूप दे रही है ❓

हमे कहा पता था कि अम्बेडंकर इसी दलित दबे कुचले समाज के लिये दिन रात ऐसे ही सपना देखते देखते जीवन समर्पित कर दिये❓


एक समय ऐसा भी आया जब बहिन जी ने अपने बाल भी कटवा दिये ये फैशन नहीं बहिन जी का त्याग था ताकि समय बर्बाद ना हो बालों को सम्भालने मैं /

उस दौर में महिलाए पर्दा प्रथा की निरवाह करती, जिस दौर मायावती अपनी निजी जिन्दगी के सुख शान्ति छोड़कर कर मई जून की चमडी चला देने वाली घूप में रैलिया करती थी🤔

निशंदेह मायावती दलितो की आन बान शान हुआ करती थी 👈

ऐसा नही था मायावती से पहले दलित नेता समाज में नही थे लेकिन बीएसपी को जिस तरह शुन्य से सत्ता पर ले गई शायद ही और कर पाता 👈

जिस दौर में समाजिक- राजनैतिक वर्चस्व ब्राम्हण-ठाकुरो का हुआ करता था 👈

उस दौर दलितो को राजनैतिक ताकत का ऐहसास कराया ,संसद, विधायक शायद ही किसी दलितो होने सुनाई देता था ,लेकिन आज हलात कुछ और है 👈

जो काशींराम नें बीज बोया उसे वृक्ष बनने काम #मायावती ने किया 👈


देश के सबसे बड़े प्रदेश का चार बार  CM पद अपने कुशल नेतृत्व में हासिल की ,और दलित समाज को मान सम्मान को उंचा उठाय़ा 👈

समाज के शोषित ,गरीब ,कमजोर , तबके को जिस तरह से वोट बैंक में तबदिल किया ,वो एक क्रान्ति की तरह था ...👈

हर कमोजर दलित अब उनकी शासन प्रशासन की कुशलता को लोहा मानने लगे थे 👈

हर आधिकारी ,बाहुबली लोगो में एक डर सा पैदा चुका था 👈

लेकिन आज दो-चार चुनाव हारते ही #अपने लोग ही उस पर ना जाते किस किस तरह आरोप लगाते नही थकते👈

आज दलित समाज एक बडा वोट बैक है ,यह मायावती की अजीव संघर्ष का नतीजा है 👈

यही बात बीएसपी विरोधी पार्टियां ये बखूबी जानती है कि दो-चार दलित  लोक लुभावना कार्य करके वोट को अपने तरह मिलाय़ा  जा सकता है 👈

इसी लिये तो काग्रेंस सहीत बीजेपी छोटे मोटे दलित नेताओ को माइंडवाश कर बीएसपी की वोट बैकं में सेधं लगाना चाहते है ,
और कामयाब भी हो रहे है 👈

आज जो चंद दलित दलाल मायावती पर आरोप लगा रहे है वो उतना मुझे सही और तार्किक नही लगता 👈

मैं तो बस इतना ही कहूगां देश के समस्त दलित नेता और पार्टी से आओ BSP #सागर में मिल जाओ ,नही तो नदिया तलाब बनकर तो उस महासागर रूपी #ब्राम्हणवाद  से ना लड़ पाओगे और ना ही हरा पाओगे 👈

चद्रशेखर आजाद ने जिस तरह से पार्टी बनायी है ,उससे बीएसपी का सिर्फ नुकसान ही हो सकता है सत्ता हासिल नही कर सकते❓
यदि टुकडें -टुकड़े में रहते और जीते रहे तो तुम्हें गीदड़ भी शिकार कर ले जायेगा और चन्दू जैसे नालायक जाहिल लोग यही चाहते हैं क्योंकी ये मानसिक गुलाम हैं 👈

सभी अपनी अभिमान को छोड़ो और बीएसपी के मंच पर एक हो जाओ ,तब देखना ,दलित समाज पर हो रहे लगातार आत्याचार कैसे मिटता है 👈

रविदास अम्बेडंकर और काशींराम के सपने सकार होते देर नही लगेगी !!!
_______________ VIDROHI SAGAR AMBEDKAR
   #जय_भीम_जय_साहब_कांशी_राम_जी 🙏

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