Ram Mandir Trust
राम मंदिर के लिए बने ट्रस्ट में
न तो किसी जाट को रखा गया
न किसी गूजर को रखा गया...
न किसी कुर्मी को रखा गया...
न किसी कुशवाहा, मौर्या, शाक्या, सैनी को रखा गया
न किसी अहीर को रखा गया...
न किसी निषाद, बिंद, केवट, धींवर को रखा गया
न किसी लोध को रखा गया...
न किसी पाल को रखा गया...
न किसी राजभर को रखा गया...
न किसी सुनार को रखा गया...
न किसी कलार, कलवार, राय, जयसवाल को रखा गया
न किसी तेली, साहू को रखा गया...
न किसी चौरसिया,पनवाड़ी को रखा गया...
न किसी लोहार को रखा गया...
न किसी मराठा, रेड्डी, कम्मा, कापू, गोल्ला को रखा गया...
न किसी कुम्हार प्रजापति को रखा गया...
न किसी बढ़ई, विश्वकर्मा को रखा गया....
न किसी दुसाध को रखा गया...
न किसी चर्मकार, जाटव को रखा गया...
न किसी बाल्मीकि को रखा गया....
न किसी धोबी को रखा गया...
न किसी नाई को रखा गया...
न किसी कोरी को रखा गया...
यानि की राम मंदिर के लिए बनने वाले ट्रस्ट में ओबीसी , एससी, एसटी या किसान पशुपालक समाज, और मजदूर समाज की किसी भी जाति को कोई जगह नहीं दी गई ।।
क्योंकि अगर किसान, मजदूर समाज की किसी भी जाति को अगर राम मंदिर ट्रस्ट में जगह मिलती तो...
एक तो उसे राम मंदिर से होने वाली कमाई में हिस्सा देना पड़ता...
और दूसरा राम मंदिर की कमाई में कोई घोटाला होता तो उस घोटाले के भी सामने आने का खतरा बना रहता... ।।
इसलिए ओबीसी, एससी, एसटी समाज के किसी व्यक्ति को ट्रस्ट में जगह नहीं दी गई...।।
फिर भी अगर ये किसान- मजदूर जातियां ब्राह्मण प्रभुत्व और स्वामित्व वाली पार्टी भाजपा को वोट .....
और ब्राह्मण प्रभुत्व, स्वामित्व वाले मंदिरों को नोट देती हैं तो वे सांप को दूध पिला रही हैं...।।
और सांप को चाहे जितना दूध पिला लो सांप बिष ही उगलेगा...
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