विवाह_प्रतीक - #श्रंगार_या_बेड़ियाँ

#विवाह_प्रतीक - #श्रंगार_या_बेड़ियाँ

सिंदूर - पुरुष नहीं लगाते 
बिंदी - पुरुष नहीं लगाते
मंगलसूत्र - पुरुष नहीं पहनते 
चूड़ियाँ - पुरुष नहीं पहनते
पायल - पुरुष नहीं पहनते
बिछिया - पुरुष नहीं पहनते
मेहँदी - पुरुष नहीं लगाते
अलता (पैरो में लगाने वाला रंग) - पुरुष नहीं लगाते

कान में पुरुष कुछ भी नहीं पहनते
नाक में पुरुष कुछ भी नहीं पहनते
पुरुष लिप्स्टिक भी नहीं लगाते
पुरुष नेल पॉलिश भी नहीं लगाते

तो फिर हम कैसे कह सकते हैं कि ये #बेढ़िया नहीं है.......??

इन में से कोई भी चीज़ पुरुष पहन्ने से शर्माएगा...और जो लड़के टिक टॉक पर ये सब पहन कर विडियो अपलोड करते हैं (जो शायद LGBTQ community से भी होते हैं) उनका किस तरह से मजाक बनाया जाता है ये हम सब ने देखा है....तो फिर कैसे इसे #श्रंगार का नाम दे दिया....अगर ये #श्रंगार पुरुष नहीं कर सकते तो महिलाओं के लिए बाध्यता क्यू?
असल में ये पुरुषो द्वारा औरतों को एक तरह की #निशानी देकर #कैद करना ही था....जिसे बाद में धीरे धीरे #श्रंगार का नाम और रूप दे दिया गया...

अब आप कहेंगे पुरुष बाध्य नहीं करता या आप कहेंगे हमारे घर के पुरुष नहीं करते.....या आप कहेंगे कि हमारे घर की औरते अपनी मर्जी से ये सब करती हैं

तो क्या आप पुरुषो ने कभी उनसे कहा है कि ये #सिंदूर मत लगाया करो मैं तो नहीं लगाता.....या ये #चूड़ियाँ मत पहना करो काम करने में दिक्कत होती होगी.....या ये #पायल मत पहनो असहज महसूस होता होगा....etc

इसी के साथ क्या कभी ये कहा है कि इन सभी #निशानियो के बिना तुम सिर्फ मेरे साथ ही नहीं बल्कि अकेले भी समाज और परिवार में उठ बैठ सकती हो.....ये इजाजत नहीं बल्कि तुम्हारी आजादी है....

नहीं....इसके बजाय आप ये उम्मीद करते हैं कि वो आपके #मॉडर्न दोस्तो के सामने मॉडर्न दिखे और #रूढ़िवादी लोगों या परिवार वालों के साथ इन #निशानियो से लदी हुई दिखे
ऐसे कैसे चलेगा भाई..??

भारत में अभी अधिकतर महिलाएं पुरुषों पर आर्थिक रूप से निर्भर है और आप चाहते हैं वो आप पर निर्भर रहे और आप उन पर अपना हक़ दिखा सके आपको डर है कि वो आत्मनिर्भर हो गयी तो आपकी बेवजह की अकड़ नहीं सहेगी....आपको गोरी चिट्टी अच्छे नैन नक्श वाली औरते लड़कियाँ पसंद आती हैं, मोटी नाक और मोटे होंठो वाली लड़कियों की अनेको तस्वीर सोशल मीडिया पर मजाक बनाते हुए मिल जाएगी
फिर आप कहते हैं कि मेक अप क्यू थोपती हो (इस पैरा में दो अलग अलग बाते कही गयी है जो एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं और आपको ये ख़ुद समझनी पड़ेंगी) 

आपने अपनी सहजता के अनुसार ये भी तय कर दिया के विधवा औरतों की वेशभूषा क्या होगी उन्हें #श्रंगार रूपी #बेढ़ियों से मुक्त कर के और भी जटिल प्रत्यक्ष #बेढ़िया दे दी....वहीं ऐसे पुरुषों को पूरी आजादी...

अब ये कहना बंद कीजिए कि #औरत_ही_औरत की दुश्मन है।

#no_need_to_symbol_of_marriage

Note - Only make up and makeup with #symbols_of_marriage are different
https://www.facebook.com/100034465501579/posts/320730349085813/
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